Monday 29 October 2012

केबिनेट फेरबदल कितना सही,क्या बदल पाएगी छवि

नई दिल्ली। कैबिनेट फेरबदल को विपक्ष ने बेकार की कवायद करार दिया है। अरविंद केजरीवाल का कहना है कि सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपियों को इनाम दिया है। वहीं समाजवादी पार्टी भी इस फेरबदल से खुश नजर नहीं आ रही है तो कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह भी असंतुष्ट नजर आए।
मनमोहन सिंह कैबिनेट में हुआ बदलाव विपक्ष के साथ साथ सरकार के सहयोगियों को भी रास नहीं आ रहा है। समाजवादी पार्टी ने सलमान खुर्शीद पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया कि आखिर दागियों को प्रमोशन क्यों दिया गया। यहां तक कि कोयला घोटाले में जिन मंत्रियों का नाम आया उन्हें भी हटाया नहीं गया।
वहीं बीजेपी का कहना है कि ये फेरबदल बेकार की कवायद है। बीजेपी ने सवाल उठाया कि क्या कैबिनेट की शक्ल बदलने से महंगाई कम होगी। क्या भ्रष्टाचार में कमी आएगी।


विपक्ष के साथ-साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी कैबिनेट में फेरबदल से नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में मध्य प्रदेश को कम तवज्जो मिली है।
उधर,सलमान खुर्शीद के ट्रस्ट से जुड़े फर्जीवाड़ों को मुद्दा बनाते हुए उनके संसदीय क्षेत्र फर्रुखाबाद जाने की तैयारी कर रहे अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है कि कैबिनेट विस्तार ने सरकार को बेनकाब कर दिया है। भ्रष्टाचारियों को न केवल बचाया गया है बल्कि उन्हें इनाम भी दिया गया है। क्या सरकार बता सकती है कि XYZ को किसी मंत्रालय से क्यों हटाया गया और ABC को क्यों लिया गया? या कैबिनेट विस्तार पूरी तरह से मनमानी और मनमौजी कार्रवाई है? तब हम लोकतांत्रिक कैसे हैं। क्या ये तानाशाही नहीं है?
दरअसल नई कैबिनेट में ऐसे कई लोगों को जगह मिली है, जिन पर गंभीर आरोप हैं। कर्नाटक के सांसद रहमान खान पर पिछले महीने कर्नाटक के बीजापुर में वक्फ की ज़मीन हड़पने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। उधर पश्चिम बंगाल कोटे से मंत्री बनाए गए अधीररंजन चौधरी भी कुछ मामलों में आरोपित हैं। कुल मिलाकर कहें तो सरकार की शक्ल तो बदली है लेकिन छवि बदलनी अभी बाकी है।

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