Sunday 7 October 2012

डीएलएफ की सफाई झूठ से ज्यादा कुछ नहीं: केजरीवाल

नई दिल्ली: सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर आरोपों को लेकर डीएलएफ ने जो सफाई दी है उसे अरविंद केजरीवाल ने झूठ से भरा बताया है.
केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा,"डीएलएफ आधा सच और धा झूठ बोल रही है. डीएलएफ ने अपने जवाब में कई बातें छिपाई हैं. वो इस पर कल जवाब देंगे."
इसके साथ ही केजरीवाल ने वाड्रा से जवाब मांगते हुए कहा है कि क्या वाड्रा डीएलएफ से सहमत हैं या उनका कुछ और कहना है. वह अपना मत रखें.
वाड्रा पर क्या हैं आरोप: बिना ब्याज के कर्ज क्यों?
टीम केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि डीएलएफ ने वाड्रा को बिना ब्याज लिए 65 करोड़ का लोन दिया. डीएलएफ ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा को किसी तरह का लोन नहीं दिया. जिस 65 करोड़ रुपये की बात की जा रही है वो जमीन खरीदने के लिए बतौर पेशगी के तौर पर दी गई.
वाड्रा को कम कीमत पर प्रॉपर्टी क्यों?
टीम केजरीवाल ने आरोप लगाए थे कि वाड्रा ने डीएलएफ से पैसा लेकर डीएलएफ के प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदे. इस पर डीएलएफ का कहना है कि कोई भी डीएलएफ ग्रुप से पैसे कमाकर डीएलएफ के प्रोजेक्ट में निवेश कर सकता है.
सस्ते में होटल की हिस्सेदारी क्यों बेची?
टीम केजरीवाल के मुताबिक दिल्ली के साकेत में हिल्टन गार्डन इन में डीएलएफ ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को 50 फीसदी हिस्सा सिर्फ 32 करोड़ रुपए में बेचा था जबकि इसका बाजार भाव तब डेढ़ सौ करोड़ रुपए था. डीएलएफ ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा है कि होटल की कुल कीमत 150 करोड़ की आंकी गई थी. उस वक्त होटल पर 80 करोड़ का कर्ज था इसलिए इक्विटी 70 करोड़ की रह गई थी. इस हिसाब से होटल की 50 फीसदी हिस्सेदारी वाड्रा के स्काईलाइट ग्रुप को 35 करोड़ रुपए में बेच दी गई.
वाड्रा की संपत्ति में काले धन का इस्तेमाल
टीम केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि वाड्रा की संपत्ति में काला धन लगा है. डीएलएफ का कहना है कि वाड्रा और डीएलएफ के बीच जो भी कारोबारी डील की गई उसमें पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गई. डील में बिना हिसाब-किताब के काले धन का इस्तेमाल नहीं किया गया.

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